IPO से पहले स्विगी ने इस फार्मा कंपनी से किया समझौता, 10 मिनट में मेडिसिन डिलिवरी को लेकर उठे गंभीर सवाल
Swiggy Pharmeasy Partnership: ऑनलाइन फूड और ग्रॉसरी डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी इंस्टामार्ट ने हाल ही में फॉर्मईजी के साथ एक कथित साझेदारी की है इसे लेकर AIOCD ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
Swiggy Pharmeasy Partnership: ऑनलाइन फूड और ग्रॉसरी डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी इंस्टामार्ट ने हाल ही में फॉर्मईजी के साथ एक कथित साझेदारी की है, जिसमें डार्क स्टोर्स के माध्यम से सिर्फ 10 मिनट में दवाईयां डिलिवर की जाएंगी. हालांकि, इसे लेकर कुछ संस्थाओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) जो कि, देश भर में दवाओं के डिस्ट्रिब्यूशन और हेल्थ सर्विस की क्वाविटी को बनाए रखने में प्रतिबद्ध है, ने इस कथित साझेदारी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की हैं. AIOCD ने भारत के DCGI को एक पत्र लिखकर कहा है कि यह कदम भारतीय कानून के तहत निर्धारित मानकों के खिलाफ है और इससे स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़े कई गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं.
AIOCD ने उठाए ये गंभीर सवाल
इसकी संभावित गंभीरता की जानकारी देते हुए AIOCD के अध्यक्ष जे.एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने DCGI को कुछ प्रमुख चिंता व्यक्त की है.
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1. कानूनों का उल्लंघन: भारत में दवाओं के वितरण के लिए कड़े नियम बने हुए हैं जो रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. इस साझेदारी में उचित पर्चे की जांच और रोगी की पहचान जैसे महत्वपूर्ण मानकों की अनदेखी की आशंका है, जिससे आम नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है.
2. एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर): सरकार द्वारा एएमआर के खतरे से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, ई-फार्मेसी के अनियंत्रित संचालन से इस समस्या में और वृद्धि होने का डर है. इस प्रकार की साझेदारियाँ एएमआर से लड़ने के प्रयासों को कमजोर करती हैं.
3. फार्मईज़ी के साथ जोखिम भरी साझेदारी: फार्मईज़ी, जो स्वयं विनियामक उल्लंघनों के कारण कई कानूनी मामलों में उलझा हुआ है, के साथ इस तरह की साझेदारी स्विगी के लिए भी कानूनी और विनियामक जोखिम बढ़ा सकती है.
4. गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा से समझौता: अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल के चलते एक्सपायर या नकली दवाइयों की संभावना बढ़ सकती है, जो रोगी सुरक्षा के लिए हानिकारक है. इस प्रकार के मॉडल में आवश्यक गुणवत्ता मानकों का पालन संभव नहीं हो पाता.
सुरक्षा को लेकर भी की चिंता व्यक्त
AIOCD का मानना है कि ऐसी साझेदारियां न केवल कानूनी रूप से, बल्कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से भी चिंता का विषय हैं. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इन मुद्दों की गहनता से समीक्षा करें और सभी आवश्यक कदम उठाएं ताकि देश के नागरिकों को सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें.
AIOCD पारंपरिक केमिस्टों की भूमिका को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है और जनता की सुरक्षा के लिए किसी भी संभावित खतरे का सदैव विरोध करता रहेगा.
11:18 AM IST